The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
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नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
इस पाठ के करने more info से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र